Importance Of Coconut : हमारे देश भारत में कई तरह के धार्मिक आयोजनों में नारियल का खासा प्रयोग होता है। हिन्दू धर्म में इसे पवित्र माना जाता है। साथ ही ज्योतिष शास्त्र में नारियल पानी को चन्द्रमा का प्रतीक माना जाता है। मंदिरों में भी नारियल चढ़ाने की मान्यता है क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से देवी— देवताए प्रसन्न होते हैं और सारे दुखों का नाश करते हैं।
Importance Of Coconut :
क्यों माना जाता है नारियल को शुभ
शास्त्रों के अनुसार नारियल में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता वास करते हैं। इसका संबंध नारियल की तीन आँखों से जोड़ा जाता है। इसलिए किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में नारियल का उपयोग करना आवश्यक माना गया है। वहीं मान्यता यह भी है कि नारियल पानी के छिड़काव से सारी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
Importance Of Coconut :
पुराण में नारियल
नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार स्वयं भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी इसे कामधेनु सहित धरती पर लाए थे। साथ ही इसके तीन नेत्रों की तुलना भगवान शिव के तीन नेत्रों से की जाती है जो इसके महत्त्व को और बढ़ा देती है।
साथ ही नारियल के एक प्रकार एकाक्षी नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि यह नारियल जिसके पास है,उसे जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती।
क्यों वर्जित है महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना
नारियल एक बीज़ है और महिलाएँ संतान उत्पत्ति का कारक होती है इसीलिए अविवाहित महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना वर्जित है।
Importance Of Coconut :
नारियल के जन्म का पौराणिक किस्सा :
प्राचीन काल के राजा सत्यव्रत थे जिन्होंने ऋषि विश्वामित्र की अनुपस्थिति में उनके परिवार का पालन पोषण किया। इससे प्रसन्न होके ऋषि ने उनसे वर मांगने को कहा। तब राजा ने एक बार स्वर्गलोक के सौंदर्य को देखने के इच्छा व्यक्त की। राजा की प्रार्थना सुनकर ऋषि विश्वामित्र ने एक ऐसा रास्ता बनाया जो स्वर्गलोक की ओर जाता था जिसे पार कर राजा स्वर्ग पहुँचे जहाँ इंद्र ने उन्हें क्रोध में धक्का देकर वापिस धरती पर भेज दिया।
Importance Of Coconut : राजा ने जब इसकी सूचना ऋषि को दी तो उन्होंने राजा के लिए तत्काल दूसरा स्वर्ग बनवाया जिसकी नींव मजबूत करने के लिए उन्होंने नए स्वर्ग लोक के नीचे एक बहुत लंबा खंभा लगा दिया। मान्यता है कि यह लगाया गया खंभा एक विशाल पेड़ के तने के रूप में बदल गया। और जब राजा की मृत्यु हुई तो उनका सिर एक फल में तब्दील हो गया। तभी से खंबा नारियल का पेड़ और राजा का सिर नारियल माने जाने लगा।
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