Electricity Crisis In Uttarakhand : ऊर्जा प्रदेश के नाम से जानने जाने वाले उत्तराखंड में मार्च महीने में ही बिजली का संकट गहराने लगा है। यह संकट एक अप्रैल से और गहरा सकता है। ऐसे में राज्य में बिजली संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात करते हुए प्रदेश के लिए 400 मेगा वाट बिजली की मांग की है।
Electricity Crisis In Uttarakhand : सीएम ने की ऊर्जा मंत्री से मुलाकात
दअरसल केंद्र सरकार ने मार्च तक के लिए अबतक राज्य को 72 लाख यूनिट बिजली गैर आवंटित कोटे से दी है लेकिन प्रदेश में अप्रैल, मई, जून में भारी बिजली संकट होने की आशंका है। इससे पार पाने के लिए राज्य सरकार अब केंद्र से मार्च 2024 तक के लिए 400 मेगावाट यानि की (96 लाख यूनिट) बिजली की मांग की है। राज्य में यदि बिजली का संकट गहराता है तो यह राज्य के लिए बेहद नुकसान दायक होगा फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप होने के साथ ही राज्यवासियों को बिजली कट का सामना करना पड़ सकता है।
सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस बार बारिश कम होने से गर्मी में बिजली की ज्यादा मांग के आसार हैं। फिलहाल 31 मार्च तक के लिए तो केंद्र ने अपने विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली दे दी है लेकिन एक अप्रैल से फिर कमी शुरू हो जाएगी।
Electricity Crisis In Uttarakhand : बता दें कि बिजली की मांग बढ़ने पर ऊर्जा निगम एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदती है। यह बिजली काफी महंगी पड़ती है। ऐसे में ऊर्जा निगम इस भार को बिजली उपभोक्ताओं पर डालेगा और राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को फिर से महंगी बिजली मिलने का झटका भी लगने जा रहा है। साथ ही पावर कट की भी समस्या लोगों को झेलनी पड़ेगी वहीं अब इस मामले में भी सियासत गरमा गई है।
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