Dehradun: राज्य स्थापना दिवस पर PM मोदी ने विशेष डाक टिकट श्रृंखला का किया विमोचन.. दी यह सौगात…

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Dehradun: उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के अवसर पर आज देहरादून आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड डाक परिमंडल की राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों एवं सांस्कृतिक प्रतीकों पर आधारित विशेष डाक टिकट श्रृंखला का विमोचन किया। इस श्रृंखला में देवभूमि उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्रदान की गई है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ₹ मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत राज्य के 28,000 से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹62 करोड़ से अधिक की धनराशि DBT के माध्यम से जारी की। इस पहल से राज्य के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं एवं फसल क्षति से सुरक्षा का लाभ प्राप्त होगा।

इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री जी को ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ पर आधारित एक विशेष प्रतीक चिन्ह भेंट किये।

 

 

उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती उत्सव के मुख्य समारोह में आज देहरादून पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लगभग ₹8,260 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने उत्तराखण्ड की गत 25 वर्षों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए, अगले 25 वर्षो के लिए रोडमैप के साथ आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया।

FRI परिसर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने गढ़वाली–कुमांऊनी में प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि नौ नवंबर का दिन उत्तराखण्डवासियों की लंबी तपस्या का फल है। ये दिन प्रत्येक उत्तराखण्डवासी को गर्व का अहसास कराता है। प्रधानमंत्री ने राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही, सभी आंदोलनकारियों को भी नमन किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल पहले केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जिन उम्मीदों एवं आकांक्षाओं के साथ उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया, आज वो सभी सपने पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड से अपने लगाव को व्यक्त करते हुए कहा कि, जब वो अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर यहां आते थे तो पहाड़ों पर रहने वाले भाई -बहनों का संघर्ष और परिश्रम उन्हें प्रेरित करता था, यहां बिताए दिनों ने उन्हें उत्तराखण्ड के सामर्थ्य से परिचय कराया। इसी भरोसे के साथ उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के बाद कहा था कि ये दशक उत्तराखण्ड का होगा। अब उनका ये भरोसा और भी दृढ़ हो गया है कि इस वक्त उत्तराखण्ड के उत्कर्ष का कालखण्ड चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल पहले, जब नया- नया उत्तराखण्ड बना था तो उस वक्त कई चुनौतियां थीं, राज्य के संसाधन सीमित थे, बजट भी छोटा था, आय के स्रोत भी कम थे। तब ज्यादातर जरूरतें केंद्रीय सहायता से पूरी होती थीं। लेकिन आज, तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखण्ड का बजट सिर्फ चार हजार करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर एक लाख करोड़ के पार चला गया है। 25 साल में राज्य का बिजली उत्पादन, चार गुना बढ़ा और सड़कों की लंबाई दोगुनी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के समय छह महीने में चार हजार यात्री ही हवाई सेवाओं का इस्तेमाल कर पाते थे, आज यहां अकेले एक दिन में चार हजार से अधिक यात्री हवाई सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। इन 25 वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 10 से ज्यादा बढ़ी है। तब राज्य में एक मेडिकल कॉलेज था, जो आज 10 हो चुके हैं। 25 साल पहले राज्य का वैक्सीन कवरेज 25 प्रतिशत भी नहीं था, आज हर गांव वैक्सीन कवरेज के दायरे में है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज समारोह स्थल पर, कई युवाओं, उद्यमियों से बात की है, वो सभी राज्य की प्रगति को लेकर उत्साहित और आशांवित हैं। इससे साफ है कि उत्तराखण्ड का प्रत्येक नागरिक, अपने योगदान से भारत को विकसित देश की पंक्ति शामिल करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री ने आज शुरू किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये परियोजनाएं, उत्तराखण्ड की विकास यात्रा को गति देने का काम करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार सेब-कीवी के किसानों को अब डिजिटल करेंसी में अनुदान दे रही है। इस आधुनिक तकनीकी से आर्थिक मदद की ट्रैकिंग संभव है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था का कनेक्टिवी से गहरा नाता है। राज्य में इस समय दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रगति पर है, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे तैयार हो चुका है। गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट- हेमकुंट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। ये सभी परियोजनाएं उत्तराखण्ड में विकास को नई गति दे रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने गत 25 वर्षों में विकास की लंबी यात्रा तय की है, लेकिन अब राज्य को अगले 25 वर्ष का रोडमैप तय करना है। इसके लिए राज्य को जहां चाह – वहां राह के मूलमंत्र को अपनाना होगा। इसलिए अपने लक्ष्यों पर चर्चा के लिए नौ नवंबर से बेहतर दिन और क्या होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अगर ठान ले तो अगले कुछ ही वर्षों में खुद को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर स्थापित कर सकता है। यहां के पवित्र मंदिर, आश्रम, योग को ग्लोबल नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। यहां हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र विकसित किए जाने की जरूरत है। इसी तरह वाइब्रेंट विलेज को छोटे- छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पयर्टक यहां होमस्टे के घरेलू माहौल में डुबके, चुडकानी, रोट, अरसा और झंगोरा की खीर खाएंगे तो तो फिर दूसरी- तीसरी बार भी यहां आना चाहेंगे। इसलिए उत्तराखण्ड को अपने अंदर छुपी हुई संभावना पर फोकस करना होगा। हरेला, फुलदेई, भिटोली जैसे त्योहारों से पयर्टकों को जोड़े जाने की जरूरत है। इसी तरह नंदादेवी, जौलजीवी, बागेश्वर उत्तरायणी, देवीधुरा, श्रावणी और बटर फेस्टिवल जैसे जीवंत मेलों में यहां की आत्मा बसती हैं। इसके लिए यहां वन डिस्ट्रिक – वन फेस्टिवल के जरिए उत्तराखण्ड को विश्व मानचित्र पर लाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में विंटर टूरिज्म शुरू करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सर्दियों में आने वाले पयर्टकों की संख्या बढ़ने से आर्थिकी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आदि कैलाश में आयोजित हाई ऑल्टीट्यूट मैराथन और आदि कैलाश परिक्रमा रन की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि तीन साल पहले तक आदि कैलाश में साल में दो हजार से कम पर्यटक आते थे, आज यह संख्या बढ़कर 30 हजार हो चुकी है। इसी तरह बाबा केदार के धाम में आने वाले यात्रियों की संख्या भी 17 लाख तक पहुंच चुकी है। उत्तराखण्ड में ईको टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म विकास की नई ऊंचाई छू सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अब फिल्म डेस्टिनेशन बन चुका है, राज्य की नई फिल्म नीति से यहां शूटिंग आसान हो गई है। इसी तरह उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहा है। वेड इन इंडिया मुहिम का लाभ उठाने के लिए उत्तराखण्ड को आलीशान सुविधाओं के साथ कुछ डेस्टिनेशन विकसित करने होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम से जुड़ रहे हैं। राज्य के 15 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला है। बेडू फल और बदरी घी को हाल के दिनों में जीआई टैग मिलना गौरव की बात है। इसी तरह हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड, उत्तराखण्ड के उत्पादों को एक मंच पर ला रहा है। डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए उत्तराखण्ड के उत्पाद ग्लोबल मार्केट में जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक की विकास यात्रा में कई रुकावटें आई, लेकिन सरकार ने मजबूत संकल्प के साथ इन बाधाओं को दूर किया।

प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रही सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने UCC को गंभीरता से लागू करते हुए, दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल प्रस्तुत की है। इसी तरह राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी, दंगा नियंत्रण कानून से भी राष्ट्र-हित को लेकर साहसिक नीति अपनाई है।

प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन के समापन में प्रदेशवासियों को पुन: शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य स्थापना की रजत जयंती से उत्तराखण्ड विकास की नई उंचाई छूते हुए, गर्व के साथ आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि देश जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा, तब उत्तराखण्ड किस ऊंचाई पर होगा, हमें यह रास्ता चुनना है। इसलिए इंतजार किए बिना, हमें अपने रास्ते पर चल पड़ना होगा, भारत सरकार इस यात्रा में हमेशा उत्तराखण्ड सरकार के साथ खड़ी रहेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन, वंदे मातरम के संबोधन के साथ किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस, रजत जयंती वर्ष की बधाई देने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करते हुए कहा कि ये हम सभी उत्तराखण्डवासियों का सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर हमें यशस्वी प्रधानमंत्री जी का सान्निध्य प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्रों में भी कहा गया है…”राजा धर्मस्य कारणम्”.. यानी राजा ही धर्म का कारण और रक्षक होता है, जब राजा धर्मपरायण होता है, तब राज्य में सबका कल्याण होता है। ये सूत्र वाक्य आदरणीय प्रधानमंत्री जी के दिव्य, प्रेरणादायी और कर्मनिष्ठ व्यक्तित्व का साक्षात प्रतिबिंब है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी तीनों सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन को कड़ा सबक सिखाने का काम किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा पुष्पित – पल्लवित उत्तराखण्ड, वर्ष 2047 तक “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखण्ड” के मंत्र पर चलते हुए, एक समृद्ध और आत्मनिर्भर प्रदेश बनने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। साथ ही प्रधानमंत्री जी के प्रेरणादायी नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, G-20 सम्मेलन की बैठकों सहित 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य आयोजनों द्वारा भी बदलते उत्तराखण्ड की सुनहरी तस्वीर विश्व पटल पर प्रस्तुत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी, सिलक्यारा टनल हादसा, ज्योतिर्मठ भूधंसाव या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रधानमंत्री जी ने संवेदनशीलता के साथ उत्तराखण्ड की जनता का साथ दिया है। प्रधानमंत्री जी के इसी स्नेहपूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन से उत्तराखण्ड कठिनाईयों से उबरकर एक नई शक्ति, नए संकल्प और नई ऊर्जा के साथ आज आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के साथ – साथ राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता, पारंपरिक पहचान और डेमोग्राफिक संतुलन को संरक्षित रखने के लिए भी कार्य कर रही है। इसी क्रम में समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, मदरसा बोर्ड की समाप्ति जैसे कार्यों से उत्तराखण्ड एक समरस समाज के निर्माण की दिशा में अग्रसर है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर जवानों के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन करते हुए, प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देने के साथ की।

इस मौके पर राज्यपाल ले. ज. श्री गुरमीत सिंह(से.नि.), केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी, राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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Gaurav Gupta

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