Global Warming At Shimla : शिमला में पिघलती बर्फ के चलते इस बार पूरे सीज़न के दौरान आइस स्केटिंग रिंक में सिर्फ 35 सत्र ही हो पाए हैं । दिन में चिलचिलाती खिली हुई धूप को देखकर तो यही लगता है कि आइस स्केटिंग रिंक पर बर्फ जमा पाना थोड़ा मुश्किल है ।
Global Warming At Shimla : स्केटिंग 30 दिन पहले बंद
देश के मैदानी क्षेत्रों में तो लोगों को सर्दी से थोड़ी राहत मिलती नज़र आ रही है तो वहीं पहाड़ी इलाके जो कुछ दिन पहले तक बर्फ की चादर ओढ़े थे आज उन इलाकों में भी खिलखिलाती धूप के चलते ठिठुरन से राहत मिलती दिखाई दे रही है । हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ग्लोबल वार्मिंग का असर अब नज़र आ रहा है जिसके चलते शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ पूरी तरह से पिघलने के कारण स्केटिंग 30 दिन पहले ही बंद हो गई । आपको बता दें कि पिछले साल आइस स्केटिंग 22 फरवरी तक चली थी और इस बार मुश्किल से 23 जनवरी तक ही आइस स्केटिंग हो पाई ।
Global Warming At Shimla : पर्यटकों की कम संख्या
अगर पूरे सीज़न की बात करें तो शिमला आइस स्केटिंग में केवल 35 ही सत्र हुए हैं जबकी पिछली बार का यह आकड़ा 52 तक पहुँचा हुआ था । दिन में खिली तेज़ धूप ही वो सबूत है जिस कारण आइस स्केटिंग में जमीं बर्फ अब पूरी तरह से पानी में तब्दील हो चुकी है । जहां पहले रिंक में बर्फ जमीं रहती थी आज उसी जगह एक तालाब बन गया है । हालात को देखकर तो ऐसा लगता है कि रिंक में पर्यटकों के आने के आसार कम हैं ।
Global Warming At Shimla : बदला मौसम का मिज़ाज
मौसम में आ रही इस गरमाहट के चलते राज्यों में स्कूल , कॉलेज के खुलने का टाइम भी अब पास आ गया है ।आपको बता दें कि राजधानी शिमला में इस बार सिर्फ दो बार ही नाममात्र बर्फबारी हुई है । शिमला आइस स्केटिंग क्लब के पूर्व महासचिव भवनेश बांगा, वर्तमान सचिव मनप्रीत सैंबी और संगठन सचिव पंकज का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन का असर है। फरवरी में अब स्केटिंग के लिए बर्फ शायद ही जम पाए।
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