Warning Of Agitation : केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर करीब 18000 लोगों ने बाबा के दर्शन किए लेकिन कपाट खुलने के समय शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को प्रोटोकॉल ना होने का हवाला देते हुए दर्शन करने से रोक दिया गया। जिसके बाद हरिद्वार के संतों ने शंकराचार्य को केदारनाथ में दर्शन से रोकने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
Warning Of Agitation : शिव का अवतार
शंकराचार्य को केदारनाथ धाम के दर्शन से रोके जाने पर हरिद्वार के संतों ने नाराजगी जताई है। श्रीजयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का कहना है कि शंकराचार्य को साक्षात शिव का अवतार माना जाता है लेकिन ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए दर्शन करने से रोके जाना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में शंकराचार्य को बाबा केदारनाथ के दर्शन से वंचित करना शंकराचार्य का अपमान है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बाबा के दर्शन से यह कहते हुए रोके जाना कि प्रोटोकॉल नहीं है बहुत गलत है अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत साधु समाज को एक बड़ा आंदोलन करने पर विवश होना पड़ेगा।
बता दें कि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के समय शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को यह कहते हुए प्रवेश से रोक दिया गया कि प्रोटोकॉल नहीं है जिसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल पर करीब 1 घंटे धरने पर बैठना पड़ा।
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