Scam In Transport Department : परिवहन विभाग में ग्रीन कार्ड के नाम पर जमकर गड़बड़झाला हो रहा है।
हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय से 3 अनफिट बसों को नारसन चेकपोस्ट और ऋषिकेश में फिट बताते हुए ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया। उधर मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा है।
Scam In Transport Department :
अधिकारी ने मांगा जवाब :
मामला संज्ञान में आने के बाद संभागीय परिवहन अधिकारी ने मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए तीनों एआरटीओ से जवाब मांगा है और साथ ही इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को भी कहा गया है। बता दें कि इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु यात्रा के लिए दर्शन को पहुंच रहे है। ऐसे में नारसन बार्डर से लेकर चमोली जिले के अंतिम गांव माणा तक श्रद्धालुओं की भीड़ है। वहीं चारधाम में यात्रियों का हुजुम देखते हुए सरकार की ओर से इस बार प्रतिदिन यात्रियों की संख्या निर्धारित करते हुए उनका पंजीकरण और ग्रीन कार्ड भी अनिवार्य किया गया है।
Scam In Transport Department : लेकिन इस बीच लगातार ग्रीन कार्ड को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक मई के पहले सप्ताह में हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय में उत्तरप्रदेश और हरियाणा में पंजीकत तीन बसों ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया था। एआरटीओ हरिद्वार कार्यालय ने तीनों बसों का तकनीकी निरीक्षण किया जिसमें पाया गया कि वह न ही मानक के अनुसार हैं और न ही यात्रा मार्ग पर भेजे जाने के लायक है।
अनफिट के बाद भी ग्रीन कार्ड हुए जारी :
Scam In Transport Department : इन तीनों अनफिट बसों को ग्रीन कार्ड जारी कर दिए गए। बता दें कि उप्र में पंजीकृत दोनों बसों को 9 मई को रूड़की के नारसन चेकपोस्ट से ग्रीन कार्ड जारी हुए जबकि हरियाणा में पंजीकृत बस को 8 मई को ऋषिकेश स्थित एआरटीओ कार्यालय से ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि एक कार्यालय से तीन बसों को अनफिट बताना और दो कार्यालय से बसों को ग्रीन कार्ड जारी कैसे कर दिए गए।
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