सिंह राशि में मंगल का गोचर एक उग्र ग्रह की उग्र राशि में प्रवेश को दर्शाता है। आइए जानते हैं मंगल के इस गोचर का 12 राशियों पर संभावित असर और उसके सरल उपाय…
भारतवर्ष पर प्रभाव
मंगल का यह गोचर भारत की कुंडली के चौथे भाव में हो रहा है, जहां यह केतु के साथ युति बनाएगा। यह स्थिति आंतरिक अस्थिरता और घरेलू कलह की ओर इशारा करती है। बाहरी विरोधियों की अपेक्षा देश के अंदरूनी हालात अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर दुर्घटनाओं की आशंका भी बन सकती है। कुछ जगहों पर हल्के भूकंप के झटके भी महसूस हो सकते हैं। अब जानते हैं मंगल के इस गोचर का 12 राशियों पर संभावित असर और उसके सरल उपाय…
मंगल आपके पंचम भाव में गोचर करेंगे। यह भाव शिक्षा, संतान और प्रेम से जुड़ा होता है। मंगल यहां केतु के साथ मिलकर मन को बेचैन कर सकता है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। संतान पक्ष से थोड़ी चिंता रह सकती है।
उपाय: नीम के वृक्ष की जड़ पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं।
मंगल आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। यह भाव घर, वाहन और माँ से जुड़ा होता है। इस दौरान पारिवारिक तनाव, भूमि-वाहन से जुड़े विवाद या हृदय संबंधी परेशानी हो सकती है। घर का माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए संयम से काम लें।
उपाय: बरगद की जड़ पर मीठा दूध चढ़ाएं।
मंगल आपकी कुंडली में तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो साहस, भाई-बहन और प्रयास का भाव होता है। यहां मंगल सकारात्मक परिणाम दे सकता है बशर्ते आप ऊर्जा का सही उपयोग करें। प्रतियोगिता और कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन के योग बनते दिख रहे हैं। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखें, भाइयों से संबंध अच्छे रखें।
मंगल आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे, जो वाणी और धन का भाव होता है। यहां मंगल वाणी में कटुता ला सकता है और पारिवारिक मतभेद हो सकते हैं। साथ ही आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी जरूरी होगी। दूसरे भाव में मंगल की गोचर को शत्रु एवं अग्नि से भय देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में विवादों से बचना जरूरी रहेगा। आपके लिए उचित खान-पान भी जरूरी है।
उपाय: भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करें।
आपकी अपनी राशि में मंगल का गोचर हो रहा है। यह आपको ऊर्जावान बनाएगा, लेकिन अत्यधिक उत्तेजना और अहंकार से नुकसान हो सकता है। प्रथम भाव में राहु केतु के प्रभाव में होने के चलते मंगल के नकारात्मक पहलू भी सामने आ सकते हैं। सिर दर्द, बुखार या दुर्घटना की आशंका रह सकती है।
उपाय: किसी से भी मुफ्त में कोई चीज़ न लें।
मंगल आपके द्वादश भाव में गोचर करेंगे। यह भाव खर्च, यात्रा और विदेशी संपर्कों का प्रतिनिधित्व करता है। अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं, नींद की कमी हो सकती है। इसके अलावा मंगल की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर रहेगी, जहां शनि ग्रह विराजमान है। ऐसी में दांपत्य संबंधी मामलों में भी सावधानी की आवश्यकता है।
उपाय: हनुमान मंदिर में मिठाई चढ़ाएं और उसे लोगों में बांटें।
मंगल आपके लाभ भाव में गोचर करेंगे, जो धन, प्रगति और इच्छाओं से जुड़ा होता है। यह समय आर्थिक रूप से लाभदायक साबित हो सकता है। नौकरी, व्यापार और साझेदारी में लाभ मिल सकता है। सप्तम भाव के स्वामी का लाभ भाव में जाना भी इस बात का संकेत है कि अब आपका काम धंधा तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देगा, जिससे आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकेंगे।
उपाय: शिवजी का शहद से अभिषेक करें।
मंगल आपके दशम भाव में गोचर करेंगे, जो करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा का भाव है। आप अपने कार्यस्थल पर साहस और नेतृत्व क्षमता से अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन गुस्से पर नियंत्रण जरूरी है। वरिष्ठों के साथ संबंधों को लेकर सावधानी बरतें।
उपाय: नि:संतान व्यक्तियों की मदद करें।
मंगल नवम भाव में गोचर करेंगे, जो भाग्य, धर्म और लंबी यात्राओं से जुड़ा है। यह समय मिश्रित परिणाम देगा। भाग्य का साथ कम रह सकता है लेकिन शिक्षा और संतान से जुड़े मामलों में कुछ राहत मिल सकती है। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में नियमबद्ध तरीके से काम करना होगा। ऐसा कुछ न करें जिससे चोट लगने का भय रहे।
उपाय: भगवान भोलेनाथ को दूध से स्नान कराएं।
मंगल आपके अष्टम भाव में गोचर करेंगे, जिसे अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से राहु केतु के प्रभाव के चलते मंगल की तीव्रता और बढ़ गई है। ऐसे में आकस्मिक घटनाओं और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पाचन तंत्र और गुप्त रोगों को लेकर सतर्क रहें। जोखिम वाले कार्यों से बचना बेहतर रहेगा।
उपाय: मंदिर में चने की दाल दान करें।
मंगल आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे,, जो वैवाहिक जीवन और साझेदारी का भाव है। वैवाहिक जीवन में तनाव और पार्टनर के साथ मतभेद की आशंका है। व्यावसायिक सौदों में जल्दबाजी न करें।
उपाय: छोटी कन्याओं को मिठाई खिलाएं।
मंगल आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। यह शत्रु, रोग और ऋण से जुड़ा भाव है। यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण होते हुए भी अवसर प्रदान करेगा। मेहनत और संघर्ष से सफलता संभव है।
उपाय: मित्रों के बीच नमकीन चीजें बांटना शुभ रहेगा।