Delhi Road Map : दिल्ली का जहांगीरपुरी इलाका जहां चार दशक पहले अपनी चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पार्क, मन मोह लेने वाली हरित पट्टियों को लेकर इतराया करता था आज यहीं इलाका अतिक्रमण का शिकार होता हुआ नज़र आ रहा है। आलम ये है कि एक समय में इस इलाके में टाटा 407 जैसी गाड़ियां सरपट आवाजाही करती थी लेकिन आज दो बाइकों का साथ निकलना भी मुश्किलों भरा है।
Delhi Road Map :
लोगों ने किया यहां कब्जा :
स्थानीय लोगों का कहना हैं कि बांग्लादेशी मुस्लिमों के आने के बाद से इस इलाके का माहौल बद से बदतर हो गया है। लोगों ने यहां सी और एफ ब्लाक की हरित पट्टियों पर कब्जा कर अवैध रूप से न केवल झुग्गियां बनाई बल्कि कबाड़ बीनने की आड़ में चोरी, सेंधमारी जैसी वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं। इताना ही नहीं अब धीरे-धीरे सड़कों पर कबाड़ रखकर लोग उसपर कब्जा जमाने पर उतारू हो गए है।
Delhi Road Map : उधर अधिकारियों और नेताओं के संरक्षण में आज इस कबाड़ ने कुशल सिनेमा रोड, बी, सी ब्लाक जैसी सौ फुटा रोड को भी चालीस फुट की सड़क में तब्दील कर दिया है। वहीं क्षेत्र के निगम पार्षद का कहना हैं कि जहांगीरपुरी में अतिक्रमण की समस्या आज से नहीं बल्कि अरसे से है लेकिन ये समस्या ज्यौं की त्यौं ही बनी हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बैठकों में कई बार इस मामले को उठाया गया जिसके बाद अतिक्रमण को हटाने के लिए भी कार्रवाई भी की जाती रही है लेकिन अगले ही दिन स्थिति पहले जैसी ही उतपन्न हो जाती है।
Delhi Road Map :
स्व. इंदिरा गांधी की कोशिश ने दिया था इसे जन्म :
पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की कोशिश ने दिल्ली के सुंदरीकरण करने के लिए जहांगीरपुरी जैसी जेजे कॉलोनी को जन्म दिया था। उनकी कोशिश को आगे बढ़ाते हुए उनके पुत्र संजय गांधी ने जगतपुरी, किंग्जवे कैंप आदि जगहों पर स्थित झुग्गियों में रहने वालों को यहां साढ़े 22-22 गज का प्लाट देकर पुनर्वासित किया गया था जबकि ए और के ब्लाक में फ्लैट बनाकर भी लोगों को आवंटित किए गए थे।
Delhi Road Map : इनमें पुनर्वासित लोगों में से ज्यादातर लोग पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के शामिल थे। बता दें कि वर्ष 1976 से 1978 के बीच जहांगीरपुरी को दस ब्लाक में बसाया गया था। जहांगीरपुरी कॉलोनी नगर निगम के पांच वार्डों में बंटी है। यहां तीन सांसद, तीन विधायक और पांच पार्षदों के प्रतिनिधित्व हैं लेकिन अब ये क्षेत्र अतिक्रमण, नशा, देहव्यापार जैसे अवैध धंधों के कारण प्रचलित है।
ये भी पढ़ें : दोनों पैर गवाने के बाद भी यूके का सबसे ऊंचा पहाड़ चढ़ा ये शख़्स, पेश की ये अनोखी मिसाल