Chawla Rape Case : दिल्ली में 2012 को हुए छावला गैंगरेप मामले में जहां सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है। तो वहीं अब आरोपियों के सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर कांग्रेस नेताओं ने अफसोस जताते हुए कड़ा प्रहार किया है। कांग्रेसियों का कहना है कि लचर पैरवी के चलते ऐसे जघन्य अपराधियों का छूटना समाज के लिए चिंतनीय है।
Chawla Rape Case : अपराधियों का छूटना चिंतनीय
छावला सामूहिक दुष्कर्म कांड में आरोपियों के सर्वोच्च न्यायालय से बरी होने के बाद विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि दिल्ली में 2012 में उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी के साथ आरोपियों ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए उसकी हत्या कर दी थी। ऐसे में जघन्य अपराधियों का छूटना समाज के लिए एक चिंतनीय विषय है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड की बिटिया के साथ दरिंदगी के जिम्मेदार अभियुक्तों को जिला न्यायालय और फिर उच्च न्यायालय ने सजा-ए-मौत दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों का बरी होना सावालिया निशान खड़ा करता है।
बता दें कि सोमवार को दिल्ली के छावला में 19 साल की उतराखंड की रहने वाली लड़की से गैंगरेप और हत्या के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी करते हुए हाईकोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई फांसी की सजा को भी पलट दिया है।
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