Pta Teachers Recruitment Scam : उत्तराखंड में भर्ती घोटालों की लगी आग कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां पहले ही कई विभागों की जांच चल रही है। तो अब प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में 508 पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति में घोटाले का मामला सामने आया है। अशासकीय स्कूलों में हुई नियुक्तियों में सभी नियमों को दरकिनार किया गया।
Pta Teachers Recruitment Scam : नियमों को किया दरकिनार
उत्तराखंड के अशासकीय स्कूलों में 508 पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली से एक बार फिर हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि सभी नियमों को दरकिनार करते हुए ये नियुक्तियां हुई है। बताया जा रहा है कि पहले तो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास किए बिना पीटीए शिक्षकों को नियुक्त किया गया और अधिकतर को तदर्थ और नियमित नियुक्ति दी गई।
उधर अब इस मामले में शासन और शिक्षा महानिदेशालय के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है। शासन और शिक्षा महानिदेशालय को मिली शिकायत में कहा गया है कि अशासकीय स्कूलों में हुई नियुक्तियों में पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और न ही इन नियुक्तियों के लिए आवेदन तक मांगे गए। ऐसे में पीटीए द्वारा रखे गए 508 में से 426 शिक्षकों को सभी नियम दरकिनार कर तदर्थ य नियमित नियुक्ति दी गई।
Pta Teachers Recruitment Scam : इस मामले में अपर शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने गढ़वाल मंडल के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जांच के निर्देश हैं। बता दें कि शिक्षा विभाग ने अशासकीय स्कूलों में भर्ती पर फिलहाल रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि इस रोक के पीछे 508 पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई धांधली भी अहम वजह है। अपर शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट का कहना है कि गढ़वाल मंडल के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने अशासकीय स्कूलों में भर्ती पर फिलहाल रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि जिन पीटीए शिक्षकों, तदर्थ और नियमित नियुक्तियों में घोटाले का आरोप है वह 2017 के बाद हुई है। उन्होंने कहा कि शासन को मिली शिकायत में आरोप लगा है कि शिक्षक अभिभावक संघ के जरिए नौकरी और फिर तदर्थ नियुक्ति पाने के लिए हर शिक्षक से 15-15 लाख रूपए की रकम भी तय की गई है।
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